नए भारत का जन्म प्रवचन पहला :ओशो
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पहला-प्रवचन-पहला खंड 1.1 (झूठे शब्दों से सावधान)
एक छोटी सी कहानी से मैं अपनी बात शुरू करना चाहूंगा।
ऐसा ही एक स्कूल था तुम्हारे स्कूल जैसा। बहुत छोटे-छोटे बच्चे थे उस स्कूल में। ऐसी ही एक सुबह होगी, स्कूल खुला होगा और एक इंस्पेक्टर स्कूल के निरीक्षण के लिए आया। उसे स्कूल की बड़ी कक्षा में ले जाया गया। उसने उस स्कूल के छोटे-छोटे बच्चों से कहा कि तुम्हारी कक्षा में जो तीन बच्चे सबसे ज्यादा आगे हैं, जो पहला हो, दूसरा हो, तीसरा हो, उन तीनों बच्चों को मैं एक के बाद एक बुलाऊंगा,
ऐसा ही एक स्कूल था तुम्हारे स्कूल जैसा। बहुत छोटे-छोटे बच्चे थे उस स्कूल में। ऐसी ही एक सुबह होगी, स्कूल खुला होगा और एक इंस्पेक्टर स्कूल के निरीक्षण के लिए आया। उसे स्कूल की बड़ी कक्षा में ले जाया गया। उसने उस स्कूल के छोटे-छोटे बच्चों से कहा कि तुम्हारी कक्षा में जो तीन बच्चे सबसे ज्यादा आगे हैं, जो पहला हो, दूसरा हो, तीसरा हो, उन तीनों बच्चों को मैं एक के बाद एक बुलाऊंगा,
वह आकर बोर्ड पर सवाल हल करे।
पहला बच्चा उठ कर आया और उसने सवाल हल किया। फिर दूसरा बच्चा भी.......................
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पहला-प्रवचन [दूसरा खंड 1.2 ] झूठे शब्दों से सावधान
मैंने सुना है, अमेरिका में एक छोटी बच्ची अपनी मां से पूछती है कि अकाल का क्या मतलब होता है? क्योंकि अमेरिका में अकाल का बच्चों को पता ही नहीं कि इसका अर्थ क्या होता है। अमेरिका के बच्चों को अकाल का अर्थ पता नहीं है। हिन्दुस्तान के बच्चों को जन्म के साथ ही अकाल में ही जीना पड़ता है। वो अमेरिका की बच्ची को उसकी मां कहती है कि अकाल का मतलब यह है कि उन लोगों के पास रोटी नहीं है खाने को। तो वह छोटी बच्ची कहती है तो फिर बिस्कुट, आइसक्रीम, यह चीजें वे क्यों नहीं खा लेते? उसकी मां कहती है, पागल उनके पास बिसकुट, आइसक्रीम भी नहीं है, तो उनकी छोटी बच्ची कहती है कि.......................................
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